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दिल्ली में 30 लाख वाहनों पर लगा 168 करोड़ का जुर्माना, ओवरएज और बिना PUCC वाले वाहन होंगे जब्त |

दिल्ली में 30 लाख वाहनों पर लगा 168 करोड़ का जुर्माना

दिल्ली में प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर कसा शिकंजा

नई दिल्ली:
राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने एक बड़ा और कड़ा कदम उठाया है। रेखा गुप्ता सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के तहत अब ओवरएज वाहनों और बिना वैध पॉल्यूशन सर्टिफिकेट (PUCC) वाले वाहनों पर भारी जुर्माना लगाया जा रहा है।

कुल 30 लाख वाहनों पर कार्रवाई करते हुए अब तक 168 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला जा चुका है।


क्या है ओवरएज वाहन और PUCC नियम?

दिल्ली में पुराने वाहनों पर रोक के लिए स्पष्ट नियम हैं:

इस सीमा से अधिक पुराने वाहन ‘एंड ऑफ लाइफ’ (EOL) श्रेणी में आते हैं और उन्हें अब न तो दिल्ली की सड़कों पर चलने की अनुमति है और न ही ईंधन भरवाने की।


कैमरे से हो रही है निगरानी

कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) के निर्देश पर राजधानी के 520 पेट्रोल पंपों में से 500 पर ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए गए हैं।

इन कैमरों की मदद से:


अब तक की कार्रवाई का आंकड़ा


1 जुलाई से नहीं मिलेगा ईंधन

CAQM ने साफ कर दिया है कि 1 जुलाई 2025 से दिल्ली में किसी भी ओवरएज वाहन को ईंधन नहीं दिया जाएगा। अगर ऐसे वाहन पेट्रोल पंप पर आते हैं तो कैमरे उन्हें पहचान कर कमांड सेंटर को अलर्ट करेंगे, जिसके बाद ट्रैफिक और परिवहन विभाग की टीमें मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करेंगी, जिसमें वाहन जब्त तक किया जा सकता है।


दिल्ली नहीं, अब पूरे NCR में लागू होंगे नियम

CAQM ने जानकारी दी है कि यह नियम केवल दिल्ली में ही नहीं, बल्कि गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर और सोनीपत जैसे NCR जिलों में भी लागू किए जाएंगे।


पेट्रोल पंपों पर भी कार्रवाई तय

पेट्रोल पंपों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे ओवरएज या बिना वैध PUCC वाले वाहनों को ईंधन न दें। नियम तोड़ने पर पेट्रोल पंप मालिकों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए 100 निगरानी टीमों का गठन कर दिया गया है।

निष्कर्ष:

दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे सख्त कदम अब परिणाम देने लगे हैं। ओवरएज और बिना वैध PUCC वाले वाहनों पर भारी जुर्माना लगाकर साफ संदेश दिया गया है कि अब नियमों की अनदेखी नहीं चलेगी। आने वाले दिनों में यह प्रणाली एनसीआर के अन्य जिलों में भी लागू की जाएगी, जिससे वायु गुणवत्ता में और सुधार की उम्मीद की जा रही है।

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