Site icon Post4india

नीरज चोपड़ा ने 88.16 मीटर के थ्रो से जीती पेरिस डायमंड लीग 2025, जूलियन वेबर से लिया हिसाब बराबर

नीरज चोपड़ा ने 88.16 मीटर के थ्रो से जीती पेरिस डायमंड लीग 2025

नई दिल्ली, 21 जून 2025:
भारत के गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर साबित कर दिया कि क्यों उन्हें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ जेवलिन थ्रोअर में गिना जाता है। पेरिस डायमंड लीग 2025 में नीरज चोपड़ा ने अपने पहले ही प्रयास में 88.16 मीटर का शानदार थ्रो कर प्रतियोगिता का खिताब अपने नाम कर लिया। इस थ्रो के साथ उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी जर्मनी के जूलियन वेबर को पछाड़ते हुए इतिहास रच दिया


नीरज चोपड़ा ने पहले प्रयास में ही जीत की नींव रखी

नीरज ने पेरिस डायमंड लीग में कुल छह थ्रो किए, जिसमें उनका पहला थ्रो ही सबसे शानदार रहा।

नीरज का पहला थ्रो इतना मजबूत था कि कोई भी एथलीट उसे पार नहीं कर पाया। जूलियन वेबर 87.88 मीटर के साथ दूसरे और ब्राजील के लुइस मौरिसियो 86.62 मीटर के थ्रो के साथ तीसरे स्थान पर रहे


दोहा और जानुज मेमोरियल में मिली हार का बदला लिया

इस जीत की एक खास बात यह भी रही कि नीरज ने अपने पुराने प्रतिद्वंदी वेबर से हिसाब चुकता कर लिया

इस बार नीरज ने पूरे आत्मविश्वास के साथ मैदान में उतरते हुए बेहतरीन प्रदर्शन किया और अपना वर्चस्व फिर से स्थापित कर दिया।


भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल, खेलों में चमकता सितारा

नीरज चोपड़ा न सिर्फ खेलों में बल्कि अपने व्यक्तित्व से भी देश का नाम रोशन कर रहे हैं। उन्हें हाल ही में भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के मानद पद पर प्रोमोशन मिला है।
उनका मासिक वेतन सेवा काल और भत्तों के अनुसार ₹1,21,200 से ₹2,12,400 के बीच होता है।


करोड़ों की संपत्ति और लग्जरी लाइफस्टाइल

नीरज की सफलता सिर्फ मैदान तक ही सीमित नहीं है।


फिटनेस के मामले में भी मिसाल

जेवलिन थ्रो एक ऐसा खेल है, जिसमें फिजिकल फिटनेस सबसे अहम भूमिका निभाती है। नीरज अपने शरीर में 10% से कम फैट बनाए रखते हैं और डाइट को लेकर बेहद सख्त हैं।


निष्कर्ष

नीरज चोपड़ा ने एक बार फिर साबित किया कि वह सिर्फ ओलंपिक चैंपियन ही नहीं, बल्कि निरंतर प्रदर्शन करने वाले स्पोर्ट्स आइकन हैं। पेरिस डायमंड लीग 2025 की जीत न सिर्फ उनकी व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि यह भारत के लिए भी गौरव का क्षण है। आने वाले ओलंपिक और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए नीरज ने अपना इरादा साफ कर दिया है – वह हर बार बेहतर करने के लिए मैदान में उतरते हैं।

ये भी पढ़े:  इंग्लैंड में टीम इंडिया की 5 सबसे बड़ी कमजोरियां, शुभमन गिल के सामने बड़ी चुनौती

Exit mobile version