बिहार में बन रहा देश का सबसे लंबा केबल ब्रिज: 5000 करोड़ की लागत, 936 टन भार सहने की क्षमता |

बिहार में बन रहा देश का सबसे लंबा केबल ब्रिज

बिहार को मिलेगा देश का सबसे लंबा केबल ब्रिज

पटना (बिहार), 24 जून 2025 – बिहार जल्द ही देश के सबसे लंबे केबल ब्रिज का गौरव हासिल करने जा रहा है। यह भव्य पुल करीब 5,000 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है और निर्माण कार्य तेजी से जारी है। यह केबल ब्रिज राज्य के बुनियादी ढांचे को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा और आने वाले समय में यातायात व्यवस्था को भी काफी हद तक बेहतर बनाएगा।


एलएंडटी और कोरियाई कंपनी देवू कर रही हैं निर्माण कार्य

इस महत्वाकांक्षी परियोजना का निर्माण एलएंडटी (Larsen & Toubro) और कोरिया की प्रतिष्ठित कंपनी देवू (Daewoo) की संयुक्त साझेदारी में हो रहा है। दोनों कंपनियां इस क्षेत्र में अपने अनुभव और तकनीकी विशेषज्ञता के लिए जानी जाती हैं।

इस ब्रिज और सड़क परियोजना पर लगभग 7,000 श्रमिक और 1,000 से अधिक इंजीनियर एवं सुपरवाइजर कार्यरत हैं, जो दिन-रात मेहनत कर रहे हैं ताकि निर्माण कार्य समय पर और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा हो सके।


ब्रिज की प्रमुख विशेषताएं

  • लंबाई: यह पुल देश का सबसे लंबा केबल ब्रिज होगा, जिसकी लंबाई आधुनिक तकनीक के साथ तय की जा रही है।

  • भार सहने की क्षमता: पुल को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह 936 टन तक का भार सह सकता है। इससे यह भारी वाहनों के आवागमन के लिए पूरी तरह सक्षम होगा।

  • उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री: निर्माण में इंटरनेशनल स्टैंडर्ड की सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है ताकि ब्रिज की उम्र और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

  • स्मार्ट टेक्नोलॉजी: पुल पर स्मार्ट सेंसर और मॉनिटरिंग सिस्टम लगाए जाएंगे जो समय-समय पर ब्रिज की स्थिति की जानकारी देंगे।


बिहार के विकास में मील का पत्थर

इस केबल ब्रिज के निर्माण से न केवल यातायात व्यवस्था सुगम होगी, बल्कि यह राज्य के आर्थिक विकास को भी रफ्तार देगा। यह पुल व्यापार, पर्यटन और निवेश के नए रास्ते खोलेगा और बिहार को राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान दिलाएगा।

विशेषज्ञों के अनुसार, इस पुल के शुरू होते ही राज्य के कई जिले सीधे तौर पर आपस में जुड़ जाएंगे, जिससे यात्रा समय में भारी कमी आएगी और माल ढुलाई भी तेज होगी।


पर्यावरण और सुरक्षा का भी ध्यान

निर्माण कार्य के दौरान पर्यावरण सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। परियोजना के तहत प्रदूषण नियंत्रण, जल संरक्षण और आसपास के जैविक संतुलन को बनाए रखने के लिए भी विशेष उपाय किए जा रहे हैं।

साथ ही, मजदूरों की सुरक्षा और कार्यस्थल पर आधुनिक सुरक्षा उपकरणों का उपयोग अनिवार्य किया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके।


समय सीमा और भविष्य की योजना

इस परियोजना को निर्धारित समयसीमा के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार और निर्माण एजेंसियां मिलकर यह सुनिश्चित कर रही हैं कि निर्माण कार्य में कोई बाधा न आए।

राज्य सरकार का उद्देश्य है कि इस ब्रिज के माध्यम से बिहार को राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क से बेहतर ढंग से जोड़ा जाए और क्षेत्रीय विकास को गति मिले।

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निष्कर्ष: बिहार को मिलेगा आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का तोहफा

बिहार में बन रहा यह केबल ब्रिज न केवल इंजीनियरिंग का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, बल्कि यह राज्य की प्रगति और आत्मनिर्भरता का प्रतीक भी बनकर उभरेगा। अगर यह परियोजना निर्धारित समय पर पूरी होती है, तो यह देशभर में केबल ब्रिज निर्माण की दिशा में एक नया मानक स्थापित करेगी।

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