दिल्ली के रिठाला में फैक्ट्री में लगी भीषण आग
दिल्ली के रिठाला मेट्रो स्टेशन के पास स्थित एक फैक्ट्री में शाम करीब 7:25 बजे अचानक भीषण आग लग गई। फैक्ट्री में प्लास्टिक और कपड़ों पर प्रिंटिंग का काम होता है। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि दूर से ही धुएं का गुबार नजर आने लगा। सूचना मिलते ही दमकल विभाग की 16 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग बुझाने का कार्य शुरू किया।
दमकल विभाग की त्वरित कार्रवाई से टली बड़ी दुर्घटना
डिविजनल फायर ऑफिसर ए.के. जायसवाल ने बताया कि आग पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। हालांकि, दूसरी और तीसरी मंजिल पर पहुंचना अभी भी मुश्किल है। अंदर की स्थिति का सही अंदाजा तभी लग पाएगा जब दमकलकर्मी पूरी तरह से भीतर प्रवेश कर सकेंगे।
दमकल की गाड़ियों ने चारों ओर से घेराबंदी करके आग पर काबू पाने की रणनीति अपनाई। घटना स्थल पर लगातार पानी की बौछार की जा रही है ताकि किसी भी प्रकार की दोबारा आग लगने की संभावना न रहे।
2 से 3 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया
स्थानीय लोगों ने बताया कि आग लगने के बाद 2 से 3 लोगों को अस्पताल ले जाया गया है। इनमें से कुछ को धुएं के कारण सांस लेने में तकलीफ हुई, जबकि कुछ लोग भागने के दौरान हल्की चोटों का शिकार हुए। फिलहाल किसी के गंभीर रूप से घायल होने की जानकारी नहीं मिली है।
अभी तक किसी हताहत की पुष्टि नहीं
दमकल अधिकारी ने कहा कि जब तक अंदर की पूरी जांच नहीं हो जाती, किसी हताहत की पुष्टि करना संभव नहीं है। अंदर का तापमान अभी भी काफी अधिक है और फैक्ट्री की संरचना कमजोर हो चुकी है, जिससे राहत कार्य में रुकावट आ रही है।
आग लगने का कारण अभी साफ नहीं
अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आग कैसे लगी। अधिकारियों का कहना है कि शुरुआती जांच के बाद ही आग लगने के कारण का पता चल सकेगा। फैक्ट्री में प्लास्टिक और कपड़े जैसे ज्वलनशील पदार्थ होने के कारण आग तेजी से फैली।
स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल
आग की घटना के बाद इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। आसपास की फैक्ट्रियों और घरों से लोगों को बाहर निकाल लिया गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पूरे इलाके को सील कर दिया है ताकि आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
प्रशासन ने दिए जांच के आदेश
दिल्ली प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए आग लगने के कारणों की जांच के आदेश दे दिए हैं। साथ ही, फैक्ट्री के फायर सेफ्टी स्टैंडर्ड की भी जांच की जाएगी कि क्या वह सुरक्षा मानकों का पालन कर रही थी या नहीं।
निष्कर्ष: जागरूकता और सुरक्षा बेहद जरूरी
इस घटना ने एक बार फिर औद्योगिक इलाकों में अग्नि सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर फायर सेफ्टी ड्रिल और ऑडिट जरूरी हैं।
शुक्र है कि दमकल विभाग की मुस्तैदी ने बड़ी जनहानि को टाल दिया, लेकिन भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए और अधिक सख्ती जरूरी है।