शिमला में बुजुर्ग महिला की तलाश का दुखद अंत, कनलोग नाले में मिला शव
शिमला (हिमाचल प्रदेश):
शहर में पिछले 6 दिनों से लापता 76 वर्षीय बुजुर्ग महिला संजोगता नाग की तलाश मंगलवार को उस समय खत्म हुई, जब शिमला के कनलोग नाले में उनका शव बरामद किया गया। इस खबर से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया और परिजनों में शोक की लहर दौड़ गई।
आईजीएमसी से हुई थीं लापता
जानकारी के अनुसार, 19 जून को संजोगता नाग को उनके परिजन इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) अस्पताल में जांच के लिए लाए थे। वहीं से महिला अचानक लापता हो गईं। परिजनों ने तुरंत पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।
संजोगता नाग को भूलने की बीमारी (डिमेंशिया) थी, जिसके कारण उन्हें रास्तों की पहचान करने में दिक्कत होती थी।
सीसीटीवी फुटेज से मिला सुराग
पुलिस ने कनलोग इलाके के एक घर में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जांच की, जिसमें महिला को अकेले सड़क पर चलते हुए देखा गया। इसके बाद सर्च ऑपरेशन का दायरा इसी क्षेत्र में केंद्रित किया गया। महिला की तलाश के लिए ड्रोन और पुलिस की कई टीमें भी लगाई गईं।
नाले के पास पहले मिला चश्मा, फिर दिखा शव
मंगलवार दोपहर को पुलिस की एक टीम जब बिहार गांव से कनलोग की ओर जाने वाले पुराने पगडंडी मार्ग पर पहुंची, तो एक नाले के पास पहले एक चश्मा मिला। कुछ ही दूरी पर संजोगता नाग का शव दिखाई दिया, जो एक सुनसान इलाके में पड़ा हुआ था।
यह पगडंडी घने जंगल से होकर गुजरती है और वहां लोगों की आवाजाही ना के बराबर होती है।
शव पर नहीं मिले चोट के निशान, हादसे की आशंका
पुलिस ने मौके पर फॉरेंसिक टीम (FSL) को बुलाया और साक्ष्य इकट्ठा किए। शव पर किसी प्रकार की बाहरी चोट के निशान नहीं पाए गए हैं, जिससे प्रारंभिक अनुमान लगाया जा रहा है कि महिला भटककर इस सुनसान इलाके में पहुंची और फिसलकर नाले में गिर गई।
हालांकि, पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और कहा है कि मौत का सही कारण रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।
एसएसपी ने दी जानकारी, जांच जारी
एसएसपी संजीव कुमार गांधी ने बताया कि महिला की तलाश के लिए कई टीमें गठित की गई थीं और सर्च ऑपरेशन लगातार जारी था। उन्होंने कहा,
“हमारी प्राथमिकता महिला को सकुशल ढूंढना थी, लेकिन दुर्भाग्यवश हमें उनका शव मिला। अब हम पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई करेंगे।”
निष्कर्ष: लापता महिला की मौत से शिमला में शोक, बुजुर्गों की सुरक्षा पर फिर उठे सवाल
संजोगता नाग की इस दुखद मौत ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि भूलने की बीमारी से ग्रसित बुजुर्गों की देखरेख कितनी आवश्यक है। यह मामला बताता है कि अस्पतालों और सार्वजनिक स्थानों पर बुजुर्गों की निगरानी पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।