अहमदाबाद: एयर इंडिया के विमान दुर्घटना के बाद, राज्य आपातकालीन प्रतिक्रिया बल (SDRF) के कर्मियों ने अत्यधिक जोखिम उठाते हुए राहत और बचाव कार्य किया। बीजे मेडिकल कॉलेज परिसर में हुए हादसे में SDRF ने अपनी बहादुरी से कई जिंदगियां बचाईं, साथ ही जलती हुई लाशों को भी बाहर निकाला।
SDRF की अद्वितीय भूमिका
एसडीआरएफ के जवानों ने हादसे के बाद आग से झुलसे लोगों को बचाने के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना कठिन परिस्थितियों में राहत कार्य किया। एसडीआरएफ की नोडल अधिकारी शीतल गुजर ने कहा कि जवानों ने ऑक्सीजन मास्क पहनकर और हाथों में गीले कपड़े बांधकर आग से घिरे लोगों और शवों को बाहर निकाला।
शीतल गुजर ने बताया, “वहां का तापमान बहुत ज्यादा था। कई लोग आग से झुलस गए थे, लेकिन हमने अपने हाथों को गीले कपड़ों से बांधकर उन्हें आग से बाहर निकाला।” इस स्थिति में, इमारत के अंदर जाना बहुत जोखिम भरा था, लेकिन SDRF की टीम ने बहादुरी से बचाव कार्य जारी रखा।
तापमान और जोखिम भरी स्थिति
गुजर ने बताया कि घनी धुंआ और अत्यधिक गर्मी के बावजूद SDRF के कर्मियों ने छात्रों और नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। उन्होंने अग्निशामक विभाग के सहयोग से इमारत में प्रवेश किया और घायलों को अस्पताल भेजने की व्यवस्था की। साथ ही, पीड़ितों के शवों को भी सुरक्षित रूप से बरामद किया।
SDRF की सफलता और प्रतिबद्धता
विमान दुर्घटना के बाद SDRF ने अपनी प्रभावी भूमिका निभाते हुए न केवल लोगों की जान बचाई, बल्कि सभी पीड़ितों का समुचित उपचार सुनिश्चित किया। नागरिकों और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करना SDRF की प्रमुख प्राथमिकता थी।
निष्कर्ष
SDRF के योद्धाओं की अद्वितीय बहादुरी ने इस विमान दुर्घटना के बाद लोगों के बीच उम्मीद की एक किरण जगाई। उनकी प्रतिबद्धता और मेहनत ने कई जिंदगियां बचाईं और इस भयंकर हादसे में महत्वपूर्ण मदद प्रदान की।