दिल्ली के वजीरपुर में 500 से ज्यादा झुग्गियां ढहाई गईं, नाराज़ निवासियों ने उठाए सरकार पर सवाल

नई दिल्ली: दिल्ली के वजीरपुर इलाके के जेलर वाला बाग में सोमवार सुबह से झुग्गियों को तोड़ने की बड़ी कार्रवाई शुरू हुई। इस दौरान प्रशासन ने 500 से अधिक झुग्गियों को गिरा दिया, जिससे इलाके में रहने वाले सैकड़ों लोगों की जिंदगी अचानक प्रभावित हो गई। प्रशासन की इस कार्रवाई को लेकर स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश है।

भारी पुलिस बल की तैनाती

झुग्गी हटाने की इस कार्रवाई को शांतिपूर्ण ढंग से पूरा करने के लिए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी। किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया था। अधिकारी इसे सरकार की डिमोलिशन ड्राइव का हिस्सा बता रहे हैं, जो अवैध निर्माण हटाने के लिए चलाई जा रही है।

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिला था आश्वासन

प्रभावित परिवारों का कहना है कि उन्हें पहले प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत अशोक विहार में फ्लैट देने का आश्वासन दिया गया था। कई लोगों ने जरूरी दस्तावेज जमा भी कर दिए थे, लेकिन बाद में उनके कागजात यह कहकर रद्द कर दिए गए कि वे पात्र नहीं हैं।

एक महिला निवासी ने बताया, “हमने सारी कागजी प्रक्रिया पूरी की थी, लेकिन फिर कहा गया कि हमें घर नहीं मिलेगा। अब हमारी झुग्गी भी तोड़ दी गई। छोटे-छोटे बच्चों के साथ हम कहां जाएं?”

सरकार से नाराज़गी, नेताओं से सवाल

झुग्गीवासियों का कहना है कि चुनावों के दौरान नेता वोट मांगने आते हैं और झुग्गी न तोड़ने के बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन जब उन्हें जरूरत होती है तो कोई उनकी मदद के लिए नहीं आता।

एक अन्य निवासी ने कहा, “हम यहां बचपन से रह रहे हैं। हमें आज तक न तो कोई मकान मिला, न ही कोई स्थायी पहचान। अब हमारी झुग्गियां तोड़ दी गई हैं और हम खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं।”

पुनर्वास की कमी से गहराया संकट

प्रभावित लोगों का आरोप है कि सरकार बिना पुनर्वास की व्यवस्था किए ही झुग्गियां हटा रही है। उनका कहना है कि यदि उन्हें पहले ही रहने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था मिल जाती, तो वे खुद ही झुग्गियां खाली कर देते।

डिमोलिशन ड्राइव से जुड़े एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया, “यह कार्रवाई नियमानुसार की गई है। जिन लोगों को फ्लैट आवंटित किए गए थे, उन्हें पहले ही सूचित कर दिया गया था। बाकियों के कागज सही नहीं पाए गए।”

निष्कर्ष

दिल्ली के वजीरपुर में चल रही यह कार्रवाई राजधानी में चल रहे व्यापक अतिक्रमण हटाओ अभियान का हिस्सा है। लेकिन स्थानीय निवासियों की बातों से यह साफ है कि इस तरह की कार्रवाइयों से पहले यदि उचित पुनर्वास योजना सुनिश्चित न की जाए, तो यह केवल बेघरी और नाराज़गी को जन्म देती है। सरकार को अब जरूरत है कि वह प्रभावित परिवारों की बात सुने और जल्द से जल्द समाधान निकाले।

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