India vs England Test Series 2025: इंग्लैंड दौरे पर भारतीय टेस्ट टीम की 5 प्रमुख कमजोरियां सामने आई हैं, जिन पर काबू पाए बिना जीत मुश्किल है। जानिए पूरी रिपोर्ट।
🇮🇳 IND vs ENG 2025: इंग्लैंड में टीम इंडिया की चुनौतियां
भारत और इंग्लैंड के बीच आगामी टेस्ट सीरीज से पहले, भारतीय टीम के लिए कई बड़ी चुनौतियां सामने आ रही हैं। शुभमन गिल की कप्तानी में यह एक नई शुरुआत जरूर है, लेकिन इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज जीतना आसान नहीं होगा। भारत ने एमएस धोनी और विराट कोहली जैसे दिग्गज कप्तानों के नेतृत्व में भी अब तक इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज नहीं जीती है। ऐसे में इस युवा टीम के सामने खुद को साबित करने का सुनहरा मौका है, लेकिन इन 5 बड़ी कमजोरियों को दूर करना बेहद जरूरी होगा।
1️⃣ जसप्रीत बुमराह पर ज्यादा निर्भरता
टीम इंडिया की गेंदबाजी की सबसे बड़ी ताकत जसप्रीत बुमराह हैं। वह इंग्लैंड की पिचों पर घातक साबित हो सकते हैं, लेकिन पूरी सीरीज में उनका खेलना तय नहीं है। उन्होंने पहले ही कहा है कि वे सिर्फ 3 टेस्ट ही खेलेंगे। ऐसे में गेंदबाजी का भार अर्शदीप सिंह, प्रसिद्ध कृष्णा और शार्दुल ठाकुर पर आएगा। स्पिन विभाग में रवींद्र जडेजा और कुलदीप यादव को भी बड़ी भूमिका निभानी होगी।
2️⃣ स्विंग गेंदबाज़ी के सामने बल्लेबाज़ों की कमजोरी
इंग्लैंड की पिचों पर तेज गेंदबाजों को मदद मिलती है और गेंद ज्यादा स्विंग करती है। भारतीय बल्लेबाज़ों को स्विंग और सीम मूवमेंट के खिलाफ खेलने में हमेशा परेशानी रही है। यहां तक कि कप्तान शुभमन गिल का भी स्विंग के सामने रिकॉर्ड बेहतर नहीं है। गिल को विराट कोहली की तरह खुद को बेहतर बनाना होगा, जैसे उन्होंने 2014 की असफलता के बाद 2018 में इंग्लैंड में 593 रन बनाकर वापसी की थी।
3️⃣ शुभमन गिल का विदेशी रिकॉर्ड चिंता का कारण
शुभमन गिल प्रतिभाशाली हैं, लेकिन उनका विदेशी धरती पर प्रदर्शन अस्थिर रहा है। टेस्ट मैचों में उनका औसत केवल 35 है और उन्हें स्विंग गेंदों से खासा संघर्ष करना पड़ा है। कप्तान के रूप में उन्हें न सिर्फ अपनी बल्लेबाज़ी सुधारनी होगी, बल्कि टीम को प्रेरित करने की भी जिम्मेदारी निभानी होगी।
4️⃣ अनुभव की कमी
इस बार भारतीय टीम में अधिकतर खिलाड़ी युवा और कम अनुभवी हैं। करुण नायर जैसे बल्लेबाजों को इंग्लैंड में खेलने का अनुभव है, लेकिन वह लगभग 7 साल बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी कर रहे हैं। ऐसे में उन पर प्रदर्शन का दबाव रहेगा। केएल राहुल जैसे अनुभवी खिलाड़ी से भी टीम को उम्मीदें होंगी, जिन्होंने अभ्यास मैच में अच्छा प्रदर्शन किया है।
5️⃣ फील्डिंग में सुधार की ज़रूरत
भारतीय टीम की फील्डिंग हाल के वर्षों में असमान रही है। विराट कोहली के नेतृत्व में फील्डिंग में जो ऊर्जा और फोकस दिखता था, उसकी कमी अब महसूस हो सकती है। इंग्लैंड की तेज़ हवाओं और स्विंग गेंदों के कारण स्लिप फील्डिंग में चूक का बड़ा ख़तरा रहता है। ऐसे में खिलाड़ियों को कैचिंग और ग्राउंड फील्डिंग पर अतिरिक्त मेहनत करनी होगी।
🔍 निष्कर्ष: सुधार के बिना जीत मुश्किल
भारतीय टीम इंग्लैंड में इतिहास रचने की उम्मीद के साथ उतरेगी, लेकिन इन कमजोरियों पर काबू पाए बिना जीत की राह आसान नहीं होगी। अगर टीम इंडिया को पहली बार इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज जीतनी है, तो उसे संतुलित गेंदबाजी, धैर्यपूर्ण बल्लेबाजी और सटीक फील्डिंग तीनों पर खास ध्यान देना होगा।