Iran-US Conflict 2025: ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमला: फोर्दो साइट पर बमबारी के बाद बढ़ा तनाव, अमेरिकी नागरिक अब निशाने पर |

ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमला

ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका का हवाई हमला, फोर्दो सहित तीन साइट्स बने निशाना

तेहरान/वॉशिंगटन, 22 जून 2025 — अमेरिका और ईरान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। अमेरिकी वायु सेना ने शुक्रवार रात ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर हमला किया, जिसमें फोर्दो, नतांज और इस्फाहान जैसे संवेदनशील स्थल शामिल हैं। यह हमला बी-2 बमवर्षक विमानों द्वारा अंजाम दिया गया।

ईरान के सरकारी मीडिया और अधिकारियों ने इन हमलों की पुष्टि करते हुए बताया कि दुश्मन के विमानों ने फोर्दो के एक हिस्से को निशाना बनाया। अधिकारियों का कहना है कि इस्फाहान और नतांज क्षेत्रों के पास भी विस्फोट देखे गए हैं।


ईरानी मीडिया की चेतावनी: अमेरिकी नागरिक और सैनिक अब निशाने पर

ईरान की सरकारी समाचार एजेंसाओं ने अमेरिका के इस कार्रवाई को खुला युद्ध करार दिया है। तस्नीम समाचार एजेंसी के अनुसार, ईरानी रक्षा तंत्र ने स्पष्ट किया है कि अब अमेरिकी नागरिक या सैनिक भी उनके जवाबी हमलों के दायरे में आ सकते हैं।

ईरान के सरकारी चैनलों ने कहा:

“परमाणु ठिकानों पर बमबारी एक रेड लाइन है। इसके बाद अब अमेरिका को हर मोर्चे पर जवाब दिया जाएगा।”


परमाणु कार्यक्रम पर असर नहीं पड़ेगा: ईरान का बयान

हमलों के तुरंत बाद, ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन ने एक बयान जारी कर कहा कि देश का परमाणु कार्यक्रम जारी रहेगा। संगठन ने कहा:

“हम अपने राष्ट्रीय औद्योगिक और वैज्ञानिक विकास को किसी भी कीमत पर नहीं रोकेंगे। यह हमला अंतर्राष्ट्रीय कानूनों और संप्रभुता के उल्लंघन का स्पष्ट उदाहरण है।”


डोनाल्ड ट्रंप ने हमले को बताया ‘सफल ऑपरेशन’

अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन हमलों की जिम्मेदारी लेते हुए इसे “बहुत सफल” करार दिया। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कहा:

“हमारे बी-2 बमवर्षकों ने फोर्दो, नतांज और इस्फाहान जैसे प्रमुख परमाणु स्थलों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया। सभी विमान सुरक्षित रूप से ईरानी हवाई क्षेत्र से बाहर निकल चुके हैं।”

ट्रंप ने विशेष तौर पर कहा कि फोर्दो साइट को पूरी तरह से तबाह किया गया है।


इजरायल की भूमिका और बढ़ती सैन्य गतिविधियां

इस पूरे घटनाक्रम की जड़ें 13 जून को हुए इजरायली हमले में छिपी हैं। इजरायल ने दावा किया था कि उसने ईरान पर हमला करके एक संभावित परमाणु बम निर्माण को रोका है। इसके बाद ईरान ने भी इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन से जवाबी हमले किए।

इजरायली सैन्य सूत्रों के अनुसार, ये हमले “एहतियाती कार्रवाई” थे, लेकिन ईरान इसे अपनी संप्रभुता पर हमला मान रहा है। इसके बाद से दोनों देशों के बीच लगातार सैन्य झड़पें जारी हैं।


भविष्य की आशंका: क्या बढ़ेगा युद्ध का खतरा?

विशेषज्ञों का मानना है कि अब अमेरिका, ईरान और इजरायल के बीच हालात खुले युद्ध की दिशा में जा सकते हैं। यदि ईरान अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाता है, तो पश्चिम एशिया में स्थिति और भी विस्फोटक हो सकती है।

संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक संस्थाओं ने तनाव कम करने की अपील की है, लेकिन फिलहाल इस क्षेत्र में हालात बेहद नाजुक हैं।


निष्कर्ष: रेड लाइन पार, अब हर कदम पर जोखिम

ईरान और अमेरिका के बीच यह ताज़ा संघर्ष दर्शाता है कि परमाणु हथियारों और क्षेत्रीय दबदबे को लेकर टकराव एक नए चरण में प्रवेश कर चुका है। आने वाले दिन यह तय करेंगे कि यह टकराव सीमित रहेगा या पूर्ण युद्ध में बदल जाएगा।

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