बीजापुर के नेशनल पार्क क्षेत्र में माओवादी विरोधी अभियान सफल
बीजापुर, छत्तीसगढ़ | 22 जून 2025 — छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों को नक्सल विरोधी अभियान के तहत एक बड़ी कामयाबी मिली है। नेशनल पार्क क्षेत्र में जून 2025 के पहले पखवाड़े में चले सघन अभियान के दौरान सात माओवादी मारे गए, जिनमें दो शीर्ष नक्सली नेता भी शामिल हैं। यह कार्रवाई सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ों के बाद सामने आई।
मारे गए दो शीर्ष नक्सली नेता: संगठन को भारी झटका
सुरक्षाबलों द्वारा जिन नक्सलियों को ढेर किया गया, उनमें से दो की पहचान संगठन के वरिष्ठ नेताओं के रूप में हुई है:
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गौतम उर्फ सुधाकर — केंद्रीय समिति का सदस्य और लंबे समय से संगठन का प्रमुख रणनीतिकार माना जाता था।
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भास्कर राव — माओवादी राज्य समिति का हिस्सा था और कई बड़े नक्सली हमलों की योजना में शामिल रहा है।
इन दोनों की मौत को भाकपा (माओवादी) संगठन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
रसोइया निकला नक्सली, खुलासा चौकाने वाला
मारे गए अन्य नक्सलियों में एक की पहचान महेश कोडियम के रूप में की गई है, जो कि बीजापुर के इरपागुट्टा गांव का निवासी था। चौंकाने वाली बात यह है कि महेश एक सरकारी स्कूल में रसोई सहायक के तौर पर कार्यरत था।
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वह फरसगढ़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता था।
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विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा चयनित और मार्च 2025 तक वेतन प्राप्त कर रहा था।
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पुलिस जांच में सामने आया है कि वह माओवादी संगठन का सक्रिय सदस्य था और नेशनल पार्क डिवीजन में उसकी भूमिका अहम थी।
अब यह एक गंभीर जांच का विषय है कि एक सरकारी कर्मचारी कैसे प्रतिबंधित संगठन से जुड़ गया, और उसे कैसे लंबे समय तक छुपाया गया।
पुलिस ने शुरू की व्यापक जांच, लोगों से अपील
बीजापुर पुलिस ने मामले की गंभीर और निष्पक्ष जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि वे महेश कोडियम के माओवादी नेटवर्क और संपर्कों की तह तक जाने की कोशिश कर रहे हैं।
साथ ही, पुलिस ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा है:
“माओवादी संगठन से जुड़ाव केवल कानून व्यवस्था के लिए नहीं, बल्कि व्यक्तिगत जीवन और भविष्य के लिए भी खतरा है। जो भी माओवादी संगठनों से किसी भी रूप में जुड़े हैं, वे तुरंत आत्मसमर्पण करें या संगठन से अलग हो जाएं।”
स्थानीय प्रशासन सतर्क, सुरक्षा एजेंसियों की नजरें बनी हुई हैं
सुरक्षाबलों की इस कार्रवाई के बाद बीजापुर जिले के जंगलों में सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि क्षेत्र में अब भी कई माओवादी सदस्य छिपे हो सकते हैं।
स्थानीय प्रशासन ने लोगों से भी अपील की है कि यदि किसी को संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी हो, तो तुरंत पुलिस या प्रशासन को सूचित करें।
निष्कर्ष: माओवादी नेटवर्क को लगा करारा झटका
बीजापुर में हुई यह कार्रवाई साबित करती है कि सुरक्षाबल माओवादियों के खिलाफ सख्त और प्रभावी रवैया अपना रहे हैं। शीर्ष नेताओं के मारे जाने से माओवादी संगठन की रणनीतिक ताकत को गहरा नुकसान पहुंचा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अब संगठन को अपनी नेतृत्व संरचना दोबारा खड़ी करने में वक्त लगेगा, जिससे आगामी महीनों में माओवादी गतिविधियों में गिरावट आ सकती है।