सांगली में दिल दहला देने वाली घटना
महाराष्ट्र के सांगली जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसे जानकर हर कोई हैरान है। एक स्कूल के प्रिंसिपल ने अपनी बेटी की NEET परीक्षा के मॉक एग्जाम में कम अंक आने पर गुस्से में आकर उसे बुरी तरह पीटा, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। यह मामला एग्जाम के परिणाम को लेकर परिवार में बढ़े तनाव और उसके खतरनाक परिणामों का एक उदाहरण बन गया है।
घटना का पूरा विवरण
यह दर्दनाक घटना सांगली के आटपडी स्थित एक छोटे से गांव की है, जहां साधना भोसले नाम की 12वीं कक्षा की छात्रा अपने माता-पिता के साथ रहती थी। साधना का सपना डॉक्टर बनने का था और वह NEET परीक्षा की तैयारी कर रही थी। लेकिन इस बार के मॉक एग्जाम में उसके अंक उम्मीद से कम आए थे। यह बात उसकी कड़ी मेहनत करने वाले पिता, धोंडीराम भोसले, जो एक स्कूल के प्रिंसिपल हैं, को बहुत नागवार गुजरी।
साधना ने जब अपने पिता से डांट खाने के बाद उल्टे शब्दों में जवाब दिया, “पापा, आप कौन सा कलेक्टर बन गए? आपके भी तो कम नंबर आए थे न?”, तो यह वाक्य उसके पिता के गुस्से का कारण बन गया। इसके बाद धोंडीराम भोसले ने अपनी बेटी को बुरी तरह पीटने की शुरुआत की।
पिता का अमानवीय व्यवहार
रात को साधना को जब डंडे से बुरी तरह पीटा गया, तो वह गंभीर रूप से घायल हो गई। हालांकि, उसके पिता ने अस्पताल में इलाज कराने की बजाय अगले दिन स्कूल जाने का फैसला किया और योग दिवस मनाने स्कूल निकल गए। इस दौरान साधना की हालत बिगड़ती गई और वह बेहोश हो गई। जब वह घर लौटे, तो उन्होंने अपनी बेटी को बेहोश पाया। फिर उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अस्पताल पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
NEET परीक्षा और परिवार में तनाव
साधना की मौत का कारण सिर्फ मॉक एग्जाम के अंक नहीं थे, बल्कि इसके पीछे परिवार में बढ़ते दबाव और उम्मीदें थीं। साधना के पिता ने हमेशा अपने बच्चे से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद की थी, जो उसकी मौत का एक दुखद कारण बना। एक रिपोर्ट के मुताबिक, साधना के पिता चाहते थे कि उनकी बेटी NEET परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करे और डॉक्टर बने, लेकिन मॉक एग्जाम के बाद उनकी उम्मीदें टूट गईं, और यह गुस्से में बदल गया।
पुलिस ने लिया एक्शन, आरोपी गिरफ्तार
सांगली की अटपडी पुलिस ने इस गंभीर मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी धोंडीराम भोसले को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि धोंडीराम भोसले ने अपनी बेटी की हत्या को लेकर अपना अपराध कबूल कर लिया है। अब मामले की जांच चल रही है, और आरोपित के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
समाज में शिक्षा प्रणाली का दबाव
यह घटना इस बात की गवाह है कि आजकल बच्चों पर शिक्षा के दबाव का क्या असर हो सकता है। परीक्षा के परिणाम, प्रतियोगी परीक्षाएं और उनके माध्यम से भविष्य की योजना, यह सब बच्चों और परिवारों के बीच तनाव का कारण बनते हैं। यह जरूरी है कि समाज में इस तरह के दबाव को लेकर जागरूकता फैलाई जाए और बच्चों को मानसिक सहारा और मार्गदर्शन मिले।
निष्कर्ष
यह घटना न केवल एक निर्दोष बेटी की मौत की कहानी है, बल्कि यह उस असहमति और दबाव को भी दर्शाती है, जो आजकल की शिक्षा प्रणाली में बच्चों और उनके माता-पिता के बीच मौजूद है। बच्चों पर अत्यधिक दबाव डालने के बजाय, हमें उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन देने की आवश्यकता है ताकि वे स्वस्थ मानसिक स्थिति में अपनी पढ़ाई कर सकें।