लुधियाना में विरोध-प्रदर्शन ने थामा जनजीवन, सड़कें जाम, जनता परेशान

लुधियाना, 16 जून: लुधियाना शहर रविवार को लगातार हो रहे विरोध-प्रदर्शनों के कारण पूरी तरह ठहर गया। फिरोज़पुर रोड, चंडीगढ़ रोड और अन्य प्रमुख मार्गों पर भारी ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रही, जिससे आम जनता, खासकर दफ्तर जाने वाले और छात्र बुरी तरह प्रभावित हुए।


सड़कों पर भारी जाम, लोग हुए परेशान

प्रदर्शनकारियों के बार-बार सड़कों पर उतरने से ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गई है। फिरोज़पुर रोड पर प्रदर्शन के कारण ट्रैफिक को संकरे सर्विस लेन की ओर मोड़ा गया, जिससे वहां भी अत्यधिक भीड़ और अव्यवस्था देखी गई।

एक यात्री ने नाराज़गी जताते हुए कहा,

“रोज़ाना होने वाले इन प्रदर्शनों से जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। सुबह से दोपहर तक जाम लगा रहता है, ऑफिस जाना मुश्किल हो गया है।”


बेरोज़गार युवाओं और पुलिस के बीच झड़प

बेरोज़गार संझा मोर्चा के नेतृत्व में युवाओं ने आप पार्टी कार्यालय की ओर कूच किया, जिस पर पुलिस ने सख्ती दिखाई और कई नेताओं को हिरासत में लिया। इनमें सुखविंदर सिंह ढिलवां, रमन कुमार मालोट, जसवंत घबैया, सुखविंदर कुमार मालोट और सुखजीत रमणंदी शामिल हैं।

इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा के आवास की ओर मार्च किया और सरकार की वादाखिलाफी पर सवाल उठाए। उन्होंने हरे पेन और स्याही के प्रतीक के रूप में प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री द्वारा किए गए वादों की याद दिलाई।

बाद में प्रदर्शनकारियों की कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंड से मुलाकात हुई, जिन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान से जल्द बैठक का आश्वासन और लिखित वादा सौंपा।


स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों की अनदेखी पर गुस्सा

फ्रीडम फाइटर वंशज संगठन ने फिरोज़पुर रोड पर प्रदर्शन कर सरकार पर अपनी मांगों की अनदेखी का आरोप लगाया।
उनकी प्रमुख मांगें थीं:

  • आरक्षण कोटा 1% से बढ़ाकर 5% करना

  • निःशुल्क मेडिकल बीमा योजना

  • शैक्षणिक संस्थानों का नाम स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर रखना

जोन प्रभारी रविंदर कपूर ने बताया कि हाल ही में विधायक कुलवंत सिंह सिधू से मुलाकात हुई है और 23 जून के बाद मुख्यमंत्री से मिलने का आश्वासन मिला है।


NHM कर्मचारियों की मांग: नियमित नौकरी और वेतन वृद्धि

नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) के सैकड़ों कर्मचारी काले झंडों के साथ सड़कों पर उतरे। उन्होंने आरोप लगाया कि AAP सरकार ने वादे करने के बाद मुंह मोड़ लिया है।
राज्य अध्यक्ष वहीद ने कहा:

“सरकार ने सत्ता में आने से पहले हमें नियमित करने का वादा किया था, लेकिन तीन साल बाद भी मुख्यमंत्री ने हमसे एक भी बैठक नहीं की।”

NHM कर्मचारी पिछले दो दशकों से बेहद कम वेतन पर काम कर रहे हैं, और उन्हें कोई अतिरिक्त लाभ नहीं मिलते।


AIDS नियंत्रण कर्मचारियों ने भी उठाई आवाज़

पंजाब एड्स कंट्रोल कर्मचारी कल्याण संघ ने भी प्रदर्शन कर सरकार से नौकरी की सुरक्षा और वेतन बढ़ाने की मांग की।
संघ अध्यक्ष जस्मैल सिंह देओल ने कहा:

“दिल्ली में AIDS कर्मचारियों को 20% वेतन वृद्धि मिली है, लेकिन पंजाब में सरकार हमारी मांगों को अनसुना कर रही है।”

उन्होंने बताया कि बार-बार सरकार से बात करने के बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।


निष्कर्ष

लुधियाना में बेरोजगारी, स्वास्थ्यकर्मी, स्वतंत्रता सेनानी वंशज और संविदा कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर हैं। इन विरोधों से आम लोगों को जहां भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं यह सरकार के प्रति गहरा असंतोष भी दर्शाते हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि मुख्यमंत्री भगवंत मान इन लंबित मुद्दों का समाधान कब और कैसे करते हैं।

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